भारत के राष्ट्रीय प्रतीक – एक परिचय
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राष्ट्रीय ध्वज
भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा, जिसमे तीन क्षैतिज पट्टियाँ हैं – केसरिया सबसे ऊपर , श्वेत रंग बीच में और हरे रंग की पट्टी सबसे नीचे है । केसरिया रंग देश की ताकत और साहस का, श्वेत रंग शांति और सत्य का और हर रंग शुभ और विकास का प्रतीक है । श्वेत पट्टी के बीच में एक नीले रंग का चक्र है , जिसमे 24 तीलियाँ हैं । ध्वज की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 है ।
राजकीय प्रतीक
भारत का राजकीय चिन्ह सारनाथ स्थित सम्राट अशोक के स्तम्भ से लिया गया है। जो आज भी सारनाथ के संग्रहालय में सुरक्षित रखा है । 26 जनवरी 1950 को भारत सरकार ने इसे अपनाया था । इस पर “सत्य मेव जयते ” देवनागरी लिपि में अंकित है जिसका अर्थ होता है – “सत्य की विजय होती है “
राष्ट्रीय गान
जन-गण-मन अधिनायक जय हे
भारत भाग्य विधाता ।
पंजाब-सिंधु-गुजरात-मराठा
द्राविड़-उत्कल-बंग
विंध्य हिमाचल यमुना गंगा
उच्छल जलधि तरंग
तव शुभ नामे जागे, तव शुभ आशिष मांगे
गाहे तव जय-गाथा ।
जन-गण-मंगलदायक जय हे भारत भाग्य विधाता ।
जय हे, जय हे, जय हे, जय जय जय जय हे ।
राष्ट्रीय गीत
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्!
सुजलाम्, सुफलाम्, मलयज शीतलाम्,
शस्यश्यामलाम्, मातरम्!
वंदे मातरम्!
शुभ्रज्योत्सनाम् पुलकितयामिनीम्,
फुल्लकुसुमित द्रुमदल शोभिनीम्,
सुहासिनीम् सुमधुर भाषिणीम्,
सुखदाम् वरदाम्, मातरम्!
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्॥
राष्ट्रीय पक्षी
मोर (Pavo cristatus) भारत का राष्ट्रीय पक्षी है । मोर, 26 जनवरी 1963 को राष्ट्रीय पक्षी घोषित हुआ था । मोर जब अपने पंख फैलाकर नाचता है तब वह अति सुंदर दिखाई देता है। मोर भारत के लगभग सभी हिस्सों में पाया जाता है ।
राष्ट्रीय पुष्प
भारत का राष्ट्रीय फूल कमल (निलम्बो नूसीपेरा गेर्टन) है। यह फूल सुंदर है और इसे पवित्र माना गया है इसका भारत की संस्कृति में विशेष स्थान है
राष्ट्रीय पेड़
भारत का राष्ट्रीय पेड़ बरगद का पेड़ फाइकस बैंगालेंसिस है । इस पेड़ की शाखाएं और जड़े बहुत मोटी होती हैं ।इस पेड़ की उम्र बहुत अधिक होती है इसलिए इसे अनश्वर भी मन जाता है ।
राष्ट्रीय पशु
राजसी बाघ, तेंदुआ टाइग्रिस धारीदार जानवर भारत का राष्ट्रीय पशु है। इसे
शाही बंगाल बाघ के नाम से भी जानते हैं |
राष्ट्रीय खेल
भारत का राष्ट्रीय खेल हाकी है|
राष्ट्रीय मुद्रा
यह है भारतीय रुपए का चिन्ह| इसे भारत सरकार ने 15 जुलाई 2010 को भारतीय मुद्रा के चिन्ह के रूप में स्वीकार किया|